Monday, June 28, 2010

लडखडाया वो समय का टुकड़ा

लडखडाया वो समय का टुकड़ा
न किनारा हाथ में
न तिनका ही साथ में
बहता चला गया
वो समय का टुकड़ा
लडखडाया वो समय का टुकड़ा

शुरू हुआ था जबसे
सपने बुने थे तंबसे
रंग फ़ैल गया
मंज़र बदल गया
लडखडाया वो समय का टुकड़ा

तेरा नाम बन के जिया था

तन्हाई में छिपा था
न मुफलिसी में बसा था
मेरा प्यार मेरे दिल में
तेरा नाम बन के जिया था

चमकते तारे आसमान में
होंगे नज़ारे इस जहाँ में
रूप तेरा बसा हुआ था
ये दिल तभी तो धड़क रहा था
मेरा प्यार मेरे दिल में
तेरे नाम से जिया था