चिडिया के पर तो छोटे हैं पर
पर की ताकत पर से परे है
ऊँचे नभ की सीमओं पर भी
सबसे पहले पहुंचे पर है
मन में पर का भावअगर हो
पर अदने से लगते हैं
निस्तेज पड़े इक बुत पर जैसे
कौवे उड़ने लगते हैं
है पर की ही ताकत
पर की ही हिम्मत
चिडिया को पर से पार ले चले
उन्मुक्त गगन में वीर परों का
आह्वाहन भला हम क्यों न करे ?